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जलोर जिले में, पिछले तीन दिनों से तेज हवाओं और बादलों के कारण गर्मी से राहत मिली है। तापमान ने एक बूंद दर्ज की है और मौसम विज्ञान विभाग ने 7 से 9 मई तक अलर्ट और रेन अलर्ट जारी किया है।

जलोर काले बादलों की एक शीट के साथ कवर किया गया …
हाइलाइट
- 7 से 9 मई तक जलोर में मजबूत आंधी और बारिश का चेतावनी जारी रही।
- पिछले तीन दिनों से तेज हवाओं और बादलों से गर्मी में राहत।
- प्रशासन ने नागरिकों को सलाह दी कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
सोनाली भती/सलुरुर – जलोर जिले में मौसम लगातार बदल रहा है। पिछले तीन दिनों के लिए, गरज के साथ आंदोलन और बादलों के आंदोलन ने लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से राहत दी है। सोमवार की सुबह, लगभग 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चली गईं। इसके कारण, आकाश पूरे दिन बादल बना रहा और सूरज को नहीं देखा गया।
तापमान में भारी गिरावट
मौसम में इस परिवर्तन का प्रभाव तापमान पर स्पष्ट रूप से देखा गया था। पिछले 24 घंटों के भीतर, दिन का तापमान 4.8 डिग्री गिरकर 31.6 डिग्री सेल्सियस हो गया, जबकि रात का तापमान भी थोड़ी गिरावट के साथ 21.0 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इससे मौसम ठंडा हो गया और लोगों को राहत मिली।
मौसम संबंधी अलर्ट जारी किया गया
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है।
- 7 मई को ऑरेंज अलर्ट
- 8 और 9 मई को पीला अलर्ट
इस समय के दौरान, मजबूत गरज के साथ, बादलों और भारी बारिश की संभावना है।
राजस्थान पर पश्चिमी गड़बड़ी का प्रभाव
मौसम विज्ञानी भूपेंद्र सिंह के अनुसार, वर्तमान में मध्य पाकिस्तान, पंजाब और उत्तर -पश्चिम राजस्थान पर एक सक्रिय पश्चिमी गड़बड़ी बनी हुई है। इसके कारण, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से राजस्थान की ओर नमी की हवाएं आ रही हैं, ताकि 4 से 7 मई के बीच राज्य के कई हिस्सों में बारिश और तेज हवाएं रहें।
जलोर और आस -पास के जिलों में विशेष सावधानियों की आवश्यकता है
जलोर, बर्मर और आसपास के क्षेत्रों में मौसम अधिक सक्रिय होने की संभावना है, खासकर 7 और 9 मई के बीच। इस समय के दौरान, कुछ स्थानों पर बारिश और भारी बारिश के साथ तेज हवाओं, गरज के साथ मध्यम हो सकता है।
सतर्क रहें, खुले में बाहर मत जाओ
प्रशासन ने नागरिकों से मौसम विज्ञान विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है। खुली जगहों पर जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने से बचें। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों की कटाई और भंडारण में आवश्यक सावधानी बरतें, ताकि किसी भी तरह के नुकसान से बचा जा सके।