स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते मामलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों, सीपी/एसएसपी और सिविल सर्जनों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डॉ. बलबीर सिंह ने डीसी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य बोर्ड के गठन की मांग की, जिसमें एसएसपी, सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जिला पीसीएमएस अध्यक्ष, आईएमए जिला अध्यक्ष, प्रतिनिधि, पैरामेडिकल स्टाफ, एनजीओ और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए बोर्ड की मासिक बैठक होनी चाहिए।
‘पंजाब मेडिकेयर सेवा व्यक्तियों और मेडिकेयर सेवा संस्थानों का संरक्षण (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) अधिनियम, 2008’ के सख्त कार्यान्वयन का आह्वान करते हुए उन्होंने अधिकारियों को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में अंग्रेजी और पंजाबी दोनों भाषाओं में डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए कहा, जिसमें इस अधिनियम के तहत प्रावधान, दंड और सजा के साथ-साथ पुलिस स्टेशनों के संपर्क नंबर भी प्रदर्शित किए गए हों।
मंत्री ने अधिक आवागमन वाले स्वास्थ्य संस्थानों को निकटतम पुलिस चौकियों/थानों से संबद्ध करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने सिविल सर्जनों को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में होमगार्ड की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे लगाने और उचित प्रकाश व्यवस्था सहित उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि मरीजों के प्रवेश को सुव्यवस्थित करने के लिए केवल एक परिचारक को ही रोगी विभाग क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने यौन उत्पीड़न पर पांच सदस्यीय आंतरिक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया, जिसका अध्यक्ष सुविधा प्रभारी होगा तथा जिसमें तीन महिला सदस्य होंगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुछ दिन पहले उक्त निर्देश जारी किए गए थे।
डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य कर्मचारियों से मरीजों और उनके परिचारकों के प्रति सहानुभूति और शिष्टाचार बरतने की भी अपील की।
डेंगू के मामलों में वृद्धि के बीच, मंत्री ने सिविल सर्जनों को हॉटस्पॉट क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे डेंगू मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घरों में या आसपास पानी जमा न होने दें।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव कुमार राहुल, स्वास्थ्य सचिव-सह-एनएचएम एमडी डॉ. अभिनव त्रिखा, पीएचएससी एमडी वरिंदर कुमार शर्मा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक डॉ. हितिंदर कौर उपस्थित थे।