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वर्षों से रहस्य, इतिहास इस गाँव में छिपा हुआ है! पुरातत्वविदों को क्या मिला?

आखरी अपडेट:

फरीदाबाद समाचार: फरीदाबाद के कोट गांव में पत्थर की अवधि के महत्वपूर्ण अवशेष पाए गए हैं, जो इसकी ऐतिहासिक विरासत को दर्शाते हैं। पुरातात्विक विशेषज्ञ तेजवीर मावी ने स्पष्ट किया कि यह खोज कोट गांव से है, मंगर की नहीं। ग्राम…और पढ़ें

एक्स

परत

कोट गांव में पाए जाने वाले पाषाण युग के महत्वपूर्ण अवशेष।

हाइलाइट

  • कोट गांव में पत्थर की अवधि के अवशेष पाए गए।
  • ग्रामीणों ने सही ऐतिहासिक पहचान की मांग की।
  • पुरातत्व विभाग औपचारिक शोध की उम्मीद कर रहा है।

फरीदाबाद। पत्थर की अवधि के कई महत्वपूर्ण अवशेष फरीदाबाद के कोट गांव में पाए गए हैं, जो इस क्षेत्र की प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं। इस गाँव की चट्टानों में हजारों साल पुराने रहस्य छिपे हुए हैं, जिन्हें धीरे -धीरे खोजा जा रहा है। एक स्थानीय निवासी और पुरातात्विक विभाग के साथ जुड़े तेजर मावी, इस क्षेत्र में लगातार खोज कर रहे हैं और अब तक कई महत्वपूर्ण अवशेषों को हटा दिया गया है।

कोट गांव में महत्वपूर्ण खोजें हैं
तेजवीर मावी ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान और समाचार पत्र इन खोजों को मंगर गांव से जोड़कर प्रस्तुत कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि सभी अवशेष पाए गए कोट गांव में ही स्थित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र में बनी सभी पुरातात्विक खोजें कोट गांव का उपहार हैं न कि मंगर गांव का। इसलिए, सभी मीडिया संस्थानों से आग्रह किया जाता है कि वे पूरी जांच के बिना किसी अन्य स्थान का नाम न जोड़ें और कोट गांव का सही उल्लेख करें।

कोट गांव के पुरातात्विक महत्व की पहचान की जानी चाहिए
उन्होंने कहा कि कोट गांव अरवल्ली की गोद में स्थित है और यह यहां है कि पत्थर की अवधि के महत्वपूर्ण स्थल उपलब्ध हैं। लेकिन मंगर का नाम बार -बार जोड़ा जाता है, जिससे भ्रम होता है। मैं मुड़े हुए हाथों से अनुरोध करता हूं कि कोई भी समाचार चलाने से पहले, पूरी पुष्टि करें। यह ऐतिहासिक विरासत कोट गांव की पहचान है और इसे सही संदर्भ में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

ग्रामीणों और विशेषज्ञों की राय
कोट विलेज के निवासी भी इस बात से सहमत हैं कि यहां पुरातात्विक अवशेषों को सही पहचान मिलनी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र की ऐतिहासिक विरासत की रक्षा करना और सही जानकारी प्रसारित करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि शोधकर्ता और इतिहासकार भविष्य में इस स्थान का ठीक से अध्ययन कर सकें।

पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ भी इस विषय पर अपनी रुचि दिखा रहे हैं और औपचारिक शोध जल्द ही इस क्षेत्र में किए जाने की संभावना है। कोट विलेज की ये खोज भारत के प्राचीन इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

होमियराइना

वर्षों से रहस्य, इतिहास इस गाँव में छिपा हुआ है! पुरातत्वविदों को क्या मिला?

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