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‘ससी ललाट सुंदर सिर गंगा।नायन किशोर उपाबित भुजंगा।गार्ल कांथा उर पुरुष सिर माला।अज्ञात दुखी शिवधम क्रिपला।यदि भगवान शंकर ने चंद्रमा को अपनी बहन पर सुशोभित किया…

श्री रामचंद्रय नामाह:पहले पापहरन सदा शिवकरंद भक्तिप्रादमMAYAMOHMALAPAH SUVIMALAM PAMMAMBUPURAM SHUBHAM।श्रीमाद्रामचरित्रमणसमिदम भक्तियावगांती येहTE SANSARPATGAGHORKIRANAIRANTI NO MANAVA :॥राम भगत रहने जा रहे हैं। सुनिहिन सुजान साराहि सुबानी।मुझे बचाने…