नई दिल्ली, अनुभवी निर्देशक सुधीर मिश्रा ने श्रृंखला को लेकर उठे विवाद को खारिज करते हुए कहा कि अनुभव सिन्हा से अधिक देशभक्त भारतीय मिलना मुश्किल है और उन्होंने “आईसी 814: द कंधार हाईजैक” की कहानी काफी सोच-समझकर बनाई है।
सिन्हा के शो में 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 के अपहरण की नाटकीय घटना को दिखाया गया है। इस शो में तब विवाद पैदा हो गया था जब दर्शकों के एक वर्ग ने आतंकवादियों के हिंदू कोड नामों पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि उनकी वास्तविक पहचान को तोड़-मरोड़ कर पेश करना ऐतिहासिक घटनाओं को गलत तरीके से पेश करने के समान है।
विवाद के बाद नेटफ्लिक्स ने शो के आरंभिक अस्वीकरण को अपडेट कर दिया, जिसमें अपहर्ताओं के वास्तविक और कोड नाम दोनों शामिल कर दिए गए।
“इस रात की सुबह नहीं”, “हजारों ख्वाहिशें ऐसी” जैसी कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों के निर्देशक और सिन्हा के करीबी मित्र मिश्रा ने कहा कि उन्हें यह शो बहुत अच्छा लगा।
फिल्म निर्माता ने पीटीआई-भाषा से कहा, “उन्होंने काफी सोच-समझकर यह सीरीज बनाई है। इस पर प्रतिक्रिया देना या न देना आप पर निर्भर करता है। लेकिन मुझे यह काफी अच्छी लगी… अब अगर आप कहते हैं कि अनुभव सिन्हा देशभक्त नहीं हैं, तो यह बहुत गलत है क्योंकि मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानता हूं।”
उन्होंने कहा, “आपको अनुभव सिन्हा से ज्यादा देशभक्त भारतीय नहीं मिलेगा… वह बहुत देशभक्त हैं, वह बनारस में पले-बढ़े हैं और अलीगढ़ में पढ़े हैं। राम-राम कहते रहते हैं। उनके बारे में बुरी बातें कहना गलत होगा।”
विजय वर्मा, पंकज कपूर, नसीरुद्दीन शाह, अरविंद स्वामी, दीया मिर्जा और पत्रलेखा जैसे बेहतरीन कलाकारों से सजे इस शो की आतंकवादियों के मानवीय चित्रण के लिए कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा आलोचना भी की गई थी।
हालांकि, मिश्रा का मानना है कि सिन्हा केवल “कहानी कहने के धर्म” का पालन कर रहे थे।
निर्देशक ने कहा, “अन्यथा, कोई इसे कैसे निभाएगा? यदि आप किसी किरदार को खलनायक के रूप में दिखाते हैं और वह सिर्फ दहाड़ता और चिल्लाता है, तो आप उसे वास्तविक जीवन में पहचान नहीं पाएंगे। खलनायक इंसान जैसा दिखता है, लेकिन उसकी त्वचा के नीचे बुराई छिपी होती है। उसे पहचानना सीखना चाहिए।”
सिन्हा अक्सर मिश्रा और हिंदी सिनेमा के अन्य समकालीन निर्देशकों के साथ अपनी दोस्ती के बारे में बात करते रहे हैं। मिश्रा भी उन सभी के लिए समान स्नेह रखते हैं।
“मुझे वे बहुत पसंद हैं। अनुराग ने ‘कैनेडी’ मुझे समर्पित की है। अनुभव और मैं हर सुबह एक-दूसरे से बात करते हैं।
मिश्रा ने कहा, “विशाल बहुमुखी प्रतिभा के धनी फिल्म निर्माता हैं। मुझे उनसे जलन होती है। फिर हंसल और सुभाष कपूर, अभिषेक चौबे, इम्तियाज अली हैं… इस समय इस शहर में बहुत प्रतिभा है। यहां अविनाश अरुण भी हैं, जिन्होंने ‘थ्री ऑफ अस’ नामक बेहतरीन फिल्म बनाई है।”
सोनी लिव सीरीज ‘तनाव’ की दूसरी किस्त के साथ वापसी कर रहे फिल्म निर्माता ने कहा कि वह इन निर्देशकों से प्रेरित हैं और उनमें कोई श्रेष्ठता नहीं है।
फिल्म निर्माता ने कहा, “मुझे याद है, जब अनुराग ने ‘देव डी’ बनाई थी, तो वह पहले मेरे सहायक थे और उन्होंने फिल्म निर्माण के दौरान मुझसे कहा था कि मैं उनकी प्रेरणा हूं। मेरा मानना है कि हम सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए। यह ईर्ष्या और झगड़े, ‘मेरी कमीज तुम्हारी कमीज से ज्यादा सुरक्षित है’, हमें बस इसे भूल जाना चाहिए। लोग बाद में फैसला करेंगे कि कौन बेहतर है।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि अगर अनुराग सफल होता है, तो मैं भी सफल हो जाऊंगा। इसी तरह, अगर अनुभव सफल होता है, तो मैं भी सफल हो जाऊंगा। अगर आप हमें फिल्म निर्माताओं के एक समूह के रूप में देखते हैं, जो कुछ खास तरह की फिल्में बनाते हैं, तो माहौल सकारात्मक रहेगा और हम बेहतर फिल्में बनाएंगे।”
‘तनाव’ के दूसरे सीज़न में मानव विज, अरबाज खान, रजत कपूर और सत्यदीप मिश्रा जैसे मूल कलाकार वापस आ रहे हैं। अप्लॉज एंटरटेनमेंट द्वारा समर्थित यह सीरीज़ 12 सितंबर को सोनी लिव पर प्रीमियर होगी।
लोकप्रिय इज़रायली शो “फ़ौदा” का रूपांतरण, “तनाव” की कहानी कश्मीर में सेट है। दूसरे सीज़न में, कबीर और स्पेशल टास्क ग्रुप फिर से एक्शन में लौटते हैं, जब बदला लेने की चाहत रखने वाला एक युवक फ़रीद मीर उर्फ अल-दमिश्क एक दुर्जेय खतरे के रूप में उभरता है।
मिश्रा ने ई निवास के साथ मिलकर दूसरे सीज़न के निर्देशन का कार्यभार साझा किया है।
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