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भिल्वारा विशेष पान: भिल्वारा की “जय बजरंगबली पैन” अपनी अनूठी परंपरा और 151 प्रकार के पान के लिए प्रसिद्ध है। यहां, सुपारी खाने से पहले, ग्राहक मंदिर की घंटी बजाते हैं, जिससे स्वाद और विश्वास का संगम होता है।

भिल्वारा शहर स्वाद के प्रति उत्साही लोगों से भरा है और स्वाद की भूख के कई ठिकाने हैं। विशेष रूप से पान का शौक सभी उम्र के लोगों में आम है। ऐसी स्थिति में, भिल्वारा का एक पान अपनी विशेष शैली और पान को खिलाने के अनूठे तरीके के कारण प्रसिद्ध हो गया है। पान खाने से पहले एक विशेष परंपरा यहां खेली जाती है, जिसमें ग्राहक घंटी बजाते हैं।

भिल्वारा में स्थित “जय बजरंगबली पैन” की दुकान इस शहर की पहचान बन गई है। इस दुकान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह न केवल एक पान की दुकान है, बल्कि यहां हनुमान जी का मंदिर भी है। यहां, हर ग्राहक को पान खाने से पहले मंदिर की घंटी बजनी पड़ती है।

इस दुकान की एक और विशेषता यह है कि 151 प्रकार के विभिन्न स्वाद और शैली पान यहां पाई जाती हैं। इनमें से कई पैन जैसे राम प्यारी, श्याम प्यारी, चॉकलेट पान और अंगारा पान दूर -दूर तक प्रसिद्ध हैं। लोग इन अद्वितीय स्वादों का स्वाद लेने के लिए राज्य के बाहर भी आते हैं।

यह दुकान बहुत खास हो गई है क्योंकि जो भी व्यक्ति पहले यहां आता है, वह पहले मंदिर में घंटी बजाता है और फिर पान खाता है। एक तरह से यह दुकान स्वाद और विश्वास का एक संयोजन है।

राजा बाबू का कहना है कि यह दुकान लगभग 36 साल पहले शुरू हुई थी। उनके भुआ ने 45 रुपये दिए, ताकि उन्होंने अपनी मां के साथ एक हथकड़ी लगा दी। उस समय, हनुमान जी की एक तस्वीर कार्ट पर ही रखी गई थी और तब से उसका काम बढ़ता रहा।

बढ़ते काम और लोगों की श्रद्धा के मद्देनजर, उन्होंने गाड़ी को दुकान में बदल दिया और वहां मंदिर की स्थापना की। अब हर दिन पूजा और आरती है। सुपारी के स्वाद के साथ भक्ति और अनुष्ठानों का संगम यहां विशेष वातावरण बनाता है।