कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने मानसून के मौसम में आपात स्थिति से निपटने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।
सेंट्रल जोन (लुधियाना) के मुख्य अभियंता ने मंगलवार को उप मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे बुधवार तक अपने-अपने डिवीजनों में 62 वर्ष से कम आयु के सभी सेवानिवृत्त तकनीकी कर्मचारियों की सूची तैयार कर लें, जिन्हें आपात स्थिति में बुलाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि शहर के कुछ हिस्से पिछले कुछ महीनों से लंबे समय तक अंधेरे में डूबे हुए हैं, क्योंकि कर्मचारियों की कमी से जूझ रही पीएसपीसीएल को बढ़ते तापमान या बारिश के कारण उत्पन्न तकनीकी समस्याओं को ठीक करने में संघर्ष करना पड़ रहा है।
पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त विषय के संबंध में यह पाया गया है कि बारिश तूफान जैसी आपातकालीन स्थितियों के कारण बिजली आपूर्ति में समस्या आती है तथा उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति प्रदान करने के लिए कर्मचारियों की कमी के कारण आपूर्ति बहाल करने में देरी होती है।
पत्र में इस अवधि के दौरान बिजली आपूर्ति में व्यवधान की बढ़ती घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि, “उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति का समुचित वितरण नहीं हो पा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है तथा विभाग की छवि धूमिल हो रही है। इसलिए आपके निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत सेवानिवृत्त तकनीकी कर्मचारियों की सूची, जिनकी आयु 31.12.2024 तक 62 वर्ष से कम हो, इस कार्यालय को भेजी जाए।”
कर्मचारियों ने रोना रोया
हालांकि, कर्मचारी संघ ने इस घटनाक्रम पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे निगम को सेवानिवृत्त लाइनमैनों की सेवाएं प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जबकि वे अपने वर्तमान कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रहे हैं।
पीएसईबी कर्मचारी यूनियन फेडरेशन के अध्यक्ष गुरप्रीत महदूदन ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें लाइनमैन या तो मारे गए या गंभीर रूप से घायल हो गए। लाइनमैन बेहतर उपकरण और सुविधाओं की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन पर गए थे।”
उन्होंने कहा, “सेवानिवृत्ति की आधिकारिक आयु 58 वर्ष थी, क्योंकि श्रमिकों को इससे अधिक काम करने के लिए फिट नहीं माना जाता था, इसलिए अब जब पीएसपीसीएल यह स्वीकार करता है कि 62 वर्ष की आयु वाले भी फिट हैं, तो सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 62 क्यों नहीं कर दी जाती?”
उन्होंने संविदा कर्मचारियों के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला तथा कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वापस बुलाना उन लोगों के साथ विश्वासघात है, जो नियमित होने की उम्मीद में वर्षों से अल्प वेतन पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि विभाग को इन अस्थायी व्यवस्थाओं के बजाय नियमित भर्ती करनी चाहिए ताकि स्टाफ की कमी की समस्या का व्यापक समाधान किया जा सके।