पंचकूला पुलिस ने सात लोगों की गिरफ्तारी के साथ तीन साइबर अपराध मामलों को सुलझाने का दावा किया है।
पहले मामले में, पंचकूला के सेक्टर 2 निवासी 77 वर्षीय कर्नल देबाशीष चौधरी (सेवानिवृत्त) के साथ धोखाधड़ी की गई। ₹बैंक कर्मचारी और पुलिस बनकर कुछ लोगों ने 10 लाख रुपए ठग लिए। मामला 15 जुलाई 2024 को दर्ज किया गया।
इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान विष्णु, सोनू, हेमंत कुमार और संजय कुमार के रूप में हुई है और सभी राजस्थान के रहने वाले हैं।
कर्नल चौधरी (सेवानिवृत्त) ने पुलिस को बताया था कि 20 जून को उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया जो खुद को बैंक कर्मचारी बता रहा था और उसने दावा किया कि उनके क्रेडिट कार्ड में कुछ समस्या है।
कॉल करने वाले ने उसे पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कहा और कॉल ट्रांसफर कर दिया। यहां एक व्यक्ति ने खुद को पुलिसवाला बताते हुए चौधरी से उसके बैंक खाते की जानकारी मांगी। इसके तुरंत बाद पीड़ित को व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आया, जिसमें एक अन्य कॉलर ने खुद को बांद्रा पुलिस स्टेशन का पुलिसकर्मी बताते हुए उससे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति से उसके संबंधों के बारे में पूछताछ की।
घोटालेबाजों ने उनके साथ प्रवर्तन निदेशालय का एक फर्जी पत्र भी साझा किया, जिस पर उनकी तस्वीर भी थी और कहा कि मामले के संबंध में जांच चल रही है। उन्होंने उन्हें और उनकी पत्नी को गिरफ्तार करने की धमकी भी दी और कहा कि मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा जा रहा है।
इसके बाद उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और जमानत राशि जमा कराने को कहा। ₹10 लाख रुपए इस आश्वासन के साथ मांगे कि दो दिन के भीतर पैसे वापस कर दिए जाएंगे। उसका विश्वास जीतने के लिए उसने फर्जी सरकारी दस्तावेज भी सौंपे।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 338/336(3) (जालसाजी) और 340 (जाली दस्तावेज का उपयोग करना) के तहत मामला दर्ज कर आरोपी विष्णु और संजय को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है, जबकि सोनू और हेमंत कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सेवानिवृत्त अधिकारी खो गए ₹रिश्तेदार बनकर ठगी करने वाले को 9.10 लाख रुपये
एक अन्य मामले में पंचकूला के सेक्टर 25 निवासी सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी राम कंवर दलाल ने पुलिस को बताया कि 1 अप्रैल को उनके पास ऑस्ट्रेलिया से किसी व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को उनका भतीजा बताया। ₹उसके खाते में 9.10 लाख रुपये जमा थे और उसने उसे अपने दोस्त को पैसे देने को कहा, जिसे अपनी मां के इलाज के लिए इसकी जरूरत है।
इसके बाद कॉल करने वाले ने दलाल को वॉट्सऐप पर रसीद भेजी और कहा कि अगले 24 घंटे में पैसे ट्रांसफर हो जाएंगे। इसके बाद दलाल को एक और व्यक्ति का कॉल आया जिसने खुद को भतीजे का दोस्त बताया। कॉल करने वाले ने दलाल को पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। ₹4 लाख रुपए दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन दोस्त ने फोन करके पैसे ट्रांसफर करने को कहा। ₹5.10 लाख। शिकायतकर्ता ने पैसे ट्रांसफर किए, लेकिन बाद में उसे पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, सेक्टर 12 पंचकूला में भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 120 (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में पुलिस ने राजस्थान निवासी बॉबी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
ब्लैकमेल के आरोप में दो गिरफ्तार
अश्लील तस्वीरें भेजकर एक व्यक्ति को ब्लैकमेल करने के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान जालंधर निवासी अंकुर ठकुराल और टिम्सी के रूप में हुई है। दोनों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ललित कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे साइबर धोखाधड़ी की सूचना तुरंत 1930 नंबर पर दें।