पंजाब के निवर्तमान राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रति उनके मन में कोई कटु भावना नहीं है। पंजाब राजभवन में अपने विदाई भाषण में पुरोहित ने कहा, “मेरे पंजाब के सीएम से कोई छत्तीस का अंकड़ा नहीं है। हम लोग राजनेता हैं और मोटी चमड़ी वाले हैं, छोटी मोटी बातों की परवाह नहीं करते।”
तमिलनाडु, असम और मेघालय में राज्यपाल के रूप में कार्य करने के बाद सितंबर 2021 में पंजाब के राज्यपाल के रूप में आए 84 वर्षीय महाराष्ट्र के राजनेता, सीमावर्ती राज्य में अपने लगभग तीन साल के कार्यकाल के दौरान भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के साथ टकराव में लगे रहे। कार्यकाल के दौरान राज्यपाल ने प्रक्रियाओं और स्थापित प्रथाओं से “विचलन” के आधार पर राज्य सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए और कटु कटुता दिखाई। बजट सत्र बुलाने और विधेयकों पर सहमति न देने को लेकर गतिरोध के बाद राज्य सरकार ने उन्हें दो बार सुप्रीम कोर्ट में घसीटा।
मंगलवार को, मान अनुपस्थित रहे, जबकि कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा और अमन अरोड़ा तथा पंजाब के स्पीकर कुलतार सिंह संधवान मौजूद थे।
पुरोहित ने कहा, “मैं हमेशा सड़क मार्ग से यात्रा करना पसंद करता हूं। प्रकृति को देखना एक शानदार अनुभव है। पंजाब के सीएम से कहिए कि वे सड़क मार्ग से यात्रा करें, न कि हेलिकॉप्टर से।”
पुरोहित ने कहा कि पंजाब में विकास और प्रगति की बहुत गुंजाइश है। उन्होंने अधिकारियों और मंत्रियों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि अधिकारियों को पूरी छूट दी जानी चाहिए।
अपने इस्तीफे के बारे में उन्होंने कहा, “पत्रकार मुझसे मेरे इस्तीफे के बारे में पूछते हैं। मैं उन्हें बताता हूं कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति 1,000 बार चांद देख चुका है, उसे संन्यास ले लेना चाहिए। मैं अब 84 साल का हूं और मैंने 1,008 बार चांद देखा है। मैंने पिछले साल फरवरी में अपना इस्तीफा भेजा था, लेकिन उन्होंने मुझसे कहा था कि वे चुनाव के बाद इसे देखेंगे। अब इसे स्वीकार कर लिया गया है।”
पुरोहित के अनुसार, पंजाब के लोगों को सामूहिक रूप से नशे के खिलाफ लड़ाई में आगे आना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि नीति आयोग की हाल ही में हुई बैठक में उन्होंने यूटी के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं, खासकर मेडिकल कॉलेज के आवंटन और बाहरी रिंग रोड के निर्माण का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब की यादें हमेशा संजोकर रखी जाएंगी, खासकर पंजाबी संस्कृति और सिख गुरुओं की शिक्षाओं की गहरी यादें।
इस अवसर पर पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा, राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के शिव प्रसाद, यूटी प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव, यूटी डीजीपी सुरिंद्र यादव, एमसी कमिश्नर अनिंदिता मित्रा, यूटी डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह व अन्य उपस्थित थे।