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NEET सफलता की कहानी: यदि लक्ष्य स्पष्ट हैं और प्रयास स्थिर हैं, तो सफलता दूर नहीं होती है। इसी तरह, दिल्ली की एक लड़की ने NEET UG परीक्षा में 33 वीं रैंक हासिल करके इतिहास बनाया है।

NEET सफलता की कहानी: NEET UG में 33 वीं रैंक हासिल की गई
हाइलाइट
- NEET ने 720 में से 710 रन बनाए।
- ऑल इंडिया रैंक 33 प्राप्त किया।
- दिल्ली से एक महिला टॉपर बन गई।
NEET सफलता की कहानी: यह कहा जाता है कि मन का हारा हुआ हार हार नहीं है, मन की जीत एक जीत है। इसी तरह, मीमांसा मौन, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी, ने एनईईटी यूजी परीक्षा में 720 में से 710 स्कोर किया। इसके साथ ही, उन्हें ऑल इंडिया रैंक 33 मिला है। यह न केवल एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि उन्होंने दिल्ली से एक महिला टॉपर बनकर एक विशेष स्थान भी हासिल किया है। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा में समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रयास से कुछ भी असंभव नहीं है।
बचपन से डॉक्टर बनने का सपना
NEET UG परीक्षा में 720 में से 710 रन बनाने वाले मिमांसा को बचपन से ही जीव विज्ञान में रुचि थी। उसने कक्षा IX में फैसला किया था कि वह डॉक्टर बन जाएगी। उनके माता -पिता और बड़े भाई ने हमेशा उनका समर्थन किया। विशेष रूप से उनके भाई ने उन्हें रोगियों को डॉक्टर के काम और सेवा के महत्व को समझाया, जिसने उनके इरादे को और मजबूत किया।
अपने आप में विश्वास और कड़ी मेहनत
मिमशा, जिन्होंने 2023 में NEET UG में 33 वीं रैंक हासिल की, ने नियमित रूप से नकली परीक्षणों और गहन अध्ययन के माध्यम से अपनी तैयारी को मजबूत किया। NEET जैसी कठिन परीक्षा में शीर्ष रैंक को प्राप्त करना आसान नहीं है। मिमांशा ने दिन -रात कड़ी मेहनत की, पढ़ाई के प्रति अनुशासन रखा और कभी हार नहीं मानी। उन्होंने साबित किया कि यदि इरादे मजबूत हैं, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
लड़कियों के लिए प्रेरणा
मिमांशा की सफलता भी विशेष है क्योंकि उसने एक महिला राज्य टॉपर के रूप में इस जगह को हासिल किया है। उनकी सफलता उन सभी लड़कियों के लिए एक उदाहरण है जो बड़े सपने देखती हैं। मिमांशा ने दिखाया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और वे मेडिकल जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में भी सबसे आगे हो सकती हैं। वह वर्तमान में एम्स से एमबीबीएस का अध्ययन कर रही है। नामांकन सूची के अनुसार, एमबीबीएस का दूसरा वर्ष है।
पिता ओएनजीसी में काम कर रहे हैं
उनके परिवार ने उनकी सफलता के लिए बहुत योगदान दिया है। उनके पिता ओएनजीसी में काम कर रहे हैं और माँ एक गृहिणी हैं। दोनों ने हमेशा अपनी पसंद और कड़ी मेहनत की सराहना की। Mimansha की यह कहानी हर छात्र के लिए एक प्रेरणा है जो चिकित्सा क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहता है। इससे पता चलता है कि किसी भी सपने को जुनून, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से महसूस किया जा सकता है।
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पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव। Doordarshan, Zee Media और News18 के साथ काम किया है। उन्होंने अपना करियर डोर्डरशान दिल्ली के साथ शुरू किया, बाद में ज़ी मीडिया में शामिल हुए और वर्तमान में News18 हिन …और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव। Doordarshan, Zee Media और News18 के साथ काम किया है। उन्होंने अपना करियर डोर्डरशान दिल्ली के साथ शुरू किया, बाद में ज़ी मीडिया में शामिल हुए और वर्तमान में News18 हिन … और पढ़ें