NEET तैयारी में कोई निश्चित योजना, बस इस सूत्र को अपनाया, राज्य टॉपर बन गया

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NEET सफलता की कहानी: यदि आप किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप कड़ी मेहनत के साथ -साथ सही दिशा में प्रयास करें। जब प्रयास ठोस होते हैं और पथ स्पष्ट होता है, तो सफलता प्राप्त होती है।

NEET तैयारी में कोई निश्चित योजना, बस इस सूत्र को अपनाया, राज्य टॉपर बन गया

NEET सफलता की कहानी: NEET UG में 17 वीं रैंक लाकर स्टेट टॉपर बनाया गया

हाइलाइट

  • कोई शेड्यूल नहीं, फिर भी 17 वीं रैंक!
  • कड़ी मेहनत और मजबूत आधार को NEET में शीर्ष रैंक मिली।
  • नीट में लहराया।

NEET सफलता की कहानी: यदि आप किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, तो आपको कड़ी मेहनत करनी होगी और सही दिशा में काम करना होगा। तब सफलता आपका हाथ होगा। इस तरह कर्नाटक के निखिल सोननाद एनईईटी परीक्षा में सफल हुए। उन्होंने इस परीक्षा में 17 वीं रैंक हासिल की है। उनकी सफलता का मुख्य कारण कठिन परिश्रम, अध्ययन में निरंतर प्रयास और उनके शिक्षकों और माता -पिता के समर्थन थे।

NEET में 720 में से 670 अंक

Nikhil, जिन्होंने NEET UG में 720 में से 670 रन बनाए, कर्नाटक में विजयपुरा के निवासी हैं। उन्होंने विज्ञान धारा में II पु परीक्षा में 98.3% अंक बनाए। इसके अलावा, उन्होंने CET-2025 में B.SC (कृषि) में 8 वीं रैंक भी हासिल की है। उन्होंने कभी भी अध्ययन के लिए कोई निश्चित कार्यक्रम या समय नहीं रखा। इस वर्ष एनईईटी परीक्षा काफी चुनौतीपूर्ण थी, खासकर भौतिकी के प्रश्न मुश्किल थे। लेकिन घबराहट के बिना, उन्होंने सवालों को ध्यान से समझा और हल किया।

मजबूत आधार और समस्या प्रौद्योगिकी को हल करें

निखिल, जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षण परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया, ने अध्ययन में विषयों का एक मजबूत आधार बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया। शुरुआत से ही, उन्होंने समस्याओं को हल करना शुरू कर दिया। इससे उन्हें कक्षा में सीखे गए सिद्धांतों को आसानी से समझने और लागू करने में मदद मिली।

शिक्षकों का मार्गदर्शन और नियमित रूप से नकली परीक्षण

विजयपुरा के निवासी निखिल ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान कक्षा में जो कुछ भी सीखा, उसे समझा और बार -बार इसे दोहराया। जब कोई समस्या हल नहीं हो सकती थी, तो शिक्षक अगले दिन उसकी मदद करते थे। इसके अलावा, कॉलेज में किए गए नियमित मॉक टेस्ट ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के प्रकार को समझने में बहुत मदद की।

पारिवारिक वातावरण और प्रेरणा

निखिल के माता -पिता दोनों डॉक्टर हैं, इसलिए वे बचपन से ही चिकित्सा क्षेत्र में रुचि रखते हैं। घर पर चिकित्सा से संबंधित वार्ता को सुनकर इस क्षेत्र के प्रति उनका झुकाव स्वाभाविक था। निखिल न्यूरोसर्जन डॉ। सिद्दप्पा सोननाद और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ। मीनाक्षी के पुत्र हैं। निखिल ने अपना खाली समय बैडमिंटन और शतरंज खेलने में बिताया, साथ ही उन्हें कविताएँ लिखना पसंद है। उन्होंने कहा कि शतरंज खेलने से उनकी एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार हुआ।

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मुन्ना कुमार

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव। Doordarshan, Zee Media और News18 के साथ काम किया है। उन्होंने अपना करियर डोर्डरशान दिल्ली के साथ शुरू किया, बाद में ज़ी मीडिया में शामिल हुए और वर्तमान में News18 हिन …और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव। Doordarshan, Zee Media और News18 के साथ काम किया है। उन्होंने अपना करियर डोर्डरशान दिल्ली के साथ शुरू किया, बाद में ज़ी मीडिया में शामिल हुए और वर्तमान में News18 हिन … और पढ़ें

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