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गेहूं की नई किस्में: गेहूं की नई किस्मों के साथ, हरियाणा के किसान अब खेती से दोहरीकरण के सपने को महसूस करने की तैयारी कर रहे हैं।

कृषी विगयान केंद्र ने गेहूं डीबीडब्ल्यू 370, 371 और 387 विविधता को उगाया, अब किसानों को दोगुना हो जाएगा
हाइलाइट
- हरियाणा में गेहूं की नई किस्में विकसित की गईं।
- उत्पादन DBW 370, 371 और 387 से बढ़ेगा।
- किसानों को प्रशिक्षण और उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिल रहे हैं।
अंबाला: भारत का दिल खेती में रहता है और अब वैज्ञानिक इस दिल को मजबूत करने में व्यस्त हैं। गेहूं की कई नई किस्मों को अंबाला जिले के टेला गांव में स्थित कृषी विगयान केंद्र में विकसित किया गया है, जो किसानों की आय को दोगुना करने की उम्मीदें बढ़ा रहा है।
नई किस्में, नई उम्मीदें
कृषी विगयान केंद्र के खेत प्रबंधक अभय सिंह ने स्थानीय 18 के साथ एक बातचीत में बताया कि इस बार गेहूं की उन्नत विविधता जैसे कि डीबीडब्ल्यू 370, डीबीडब्ल्यू 371 और डीबीडब्ल्यू 387 को बड़े पैमाने पर तैयार किया गया है। ये नई नस्लें न केवल उत्पादन में वृद्धि करेंगी, बल्कि बीमारियों के खिलाफ अधिक मजबूत होगी, जिससे किसानों को बेहतर फसल और अच्छा लाभ मिलेगा।
किसानों को प्रशिक्षण और समर्थन मिल रहा है
अभय सिंह ने कहा कि कृषी विजयान केंद्र बीज उत्पादन तक सीमित नहीं हैं, लेकिन किसानों को नई तकनीकों और खेती के आधुनिक तरीकों में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। सरकार की मदद से, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज भी प्रदान किए जा रहे हैं, जिसके कारण उन्हें पारंपरिक खेती से एक नई दिशा में जाने का मौका मिल रहा है।
पारंपरिक खेती में भी नया जीवन
कई किसान जो केवल पारंपरिक तरीके से खेती करते थे, अब कृषी विगण केंद्र की मदद से नई किस्मों की ओर रुख कर रहे हैं। गेहूं की इन उन्नत किस्मों के कारण, अब किसानों को बाजार में बेहतर उत्पादन और अच्छी कीमत मिल रही है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि खेती में विश्वास भी बढ़ा दिया है।