सब-इंस्पेक्टर की पीसीओडी से लड़ाई: 15 किलो वजन कम करने की प्रेरणादायक कहानी
पीसीओडी से संघर्ष करते हुए भी लक्ष्य को हासिल किया
दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर रीना गुप्ता ने प्रसव के बाद महज 3 महीने में 15 किलो वजन कम कर लिया। यह उनकी इच्छाशक्ति, लगन और कड़ी मेहनत की अद्भुत कहानी है। रीना ने पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिस्ऑर्डर (पीसीओडी) जैसी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति से लड़कर अपने स्वास्थ्य और फिटनेस लक्ष्यों को हासिल किया।
पीसीओडी क्या है और इसका प्रभाव
पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के शरीर में अनियमित हार्मोन स्तर होता है। इससे वजन बढ़ना, मोटापा, अनियमित मासिक धर्म और प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं। पीसीओडी वाली महिलाओं को वजन कम करना और फिट रहना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
रीना गुप्ता ने बताया, “मेरे प्रसव के बाद मेरा वजन 90 किलो तक पहुंच गया था। मुझे पीसीओडी की समस्या थी जिसके कारण मेरा वजन बहुत तेजी से बढ़ गया था। मैं बहुत परेशान थी और अपने आप को बहुत बेकार महसूस कर रही थी।”
पीसीओडी के कारण वजन बढ़ना, मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होना आम बात है। ऐसी महिलाओं को वजन कम करना और फिट रहना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन रीना ने इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने लक्ष्य को पूरा किया।
रीना की कहानी: कैसे उन्होंने 15 किलो वजन कम किया
रीना के अनुसार, प्रसव के बाद उनका वजन 90 किलो तक पहुंच गया था। उन्हें पीसीओडी की समस्या भी थी जिसके कारण वजन बढ़ना और वजन कम करना मुश्किल हो गया था। लेकिन रीना ने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत करके अपने लक्ष्य को हासिल किया।
रीना ने बताया, “मैंने अपना पहला कदम उठाते हुए एक पेशेवर फिटनेस ट्रेनर से संपर्क किया। उन्होंने मुझे एक कस्टमाइज्ड फिटनेस प्लान बनाया जो मेरी पीसीओडी स्थिति के अनुकूल था। इसमें सही पोषण और व्यायाम का संयोजन था।”
रीना ने अपने खाने में कुछ बदलाव किए और प्रोटीन, फाइबर और कम कैलोरी वाले भोजन पर ध्यान दिया। साथ ही उन्होंने प्रतिदिन व्यायाम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने आहार में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए। मैं प्रोटीन, फाइबर और कम कैलोरी वाले भोजन खाने लगी। साथ ही मैं रोजाना व्यायाम भी करने लगी।”
रीना ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट व्यायाम किया। वह योग, एरोबिक्स, वेट ट्रेनिंग और कार्डियो व्यायाम का संयोजन करती थीं। इसके साथ ही वह अपने खाने का भी ध्यान रखती थीं।
रीना ने कहा, “मैंने अपने व्यायाम रूटीन में योग, एरोबिक्स, वेट ट्रेनिंग और कार्डियो का संयोजन किया। मैं प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट व्यायाम करती थी। साथ ही मैं अपने आहार पर भी बहुत ध्यान देती थी।”
रीना की मेहनत और लगन ने उन्हें सफलता दिलाई। प्रसव के बाद महज 3 महीने में ही वह 15 किलो वजन कम कर पाईं। उन्होंने कहा, “मेरी कड़ी मेहनत और लगन ने मुझे सफलता दिलाई। प्रसव के बाद 3 महीने में ही मैं 15 किलो वजन कम कर पाई।”
पीसीओडी के साथ भी स्वस्थ और फिट रहना संभव
रीना की कहानी से हम सीख सकते हैं कि पीसीओडी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद भी स्वस्थ और फिट रहना संभव है। जरूरी है कि व्यक्ति अपनी स्थिति को समझे, उचित योजना बनाए और लगन से लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करे।
रीना के अनुसार, “पीसीओडी जैसी समस्या के साथ भी स्वस्थ और फिट रहना संभव है। जरूरी है कि व्यक्ति अपनी स्थिति को अच्छी तरह समझे, एक उचित योजना बनाए और लगन से लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करे।”
रीना की यह कहानी पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि किस तरह एक मजबूत इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से चुनौतियों का सामना किया जा सकता है और लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
दिल्ली पुलिस की एक सब-इंस्पेक्टर को सी-सेक्शन के ज़रिए अपने बेटे को जन्म देने के बाद एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा – पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) से जूझते हुए गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए वज़न को कम करना। प्रसव के समय उसका वज़न 90 किलो था। प्रसव के छह महीने बाद, उसका वज़न 84 किलो था और अपनी स्वास्थ्य स्थितियों के कारण उसे और वज़न कम करने में संघर्ष करना पड़ा। फिर उसने एक आहार विशेषज्ञ से सलाह ली और तीन महीने से भी कम समय में 15 किलो वज़न कम कर लिया।
31 वर्षीय भाग्यश्री दयामा ने कहा, “पुलिस अधिकारी होने के नाते आप ढीले या अधिक वजन वाले नहीं दिख सकते हैं,” फिटनेस बनाए रखने के लिए पेशेवर दबाव पर जोर देते हुए। पीसीओडी ने उनके संघर्ष को और बढ़ा दिया, एक ऐसी स्थिति जिससे वह पिछले 5-6 सालों से जूझ रही थीं। शुरुआत में, उन्होंने वजन घटाने की गोलियाँ, सप्लीमेंट और रुक-रुक कर उपवास जैसे शॉर्टकट आज़माए, लेकिन बाद में उन्हें इनके प्रतिकूल दुष्प्रभावों का एहसास हुआ।
उन्होंने याद करते हुए कहा, “मेरा वजन बहुत बढ़ गया था। एक समय ऐसा भी आया जब मैंने खुद को आईने में देखना बंद कर दिया।”
हालाँकि, उनके लिए निर्णायक मोड़ तब आया जब वह अपने बच्चे को उठाने में असमर्थ थीं और स्लिप्ड डिस्क की समस्या के कारण बुनियादी जरूरतों के लिए भी अपने ससुराल वालों पर निर्भर थीं।
फिट रहने के लिए दृढ़ संकल्पित, डेमा ने 1 मई को अपना वजन घटाने का सफ़र शुरू किया। उन्होंने संतुलित आहार बनाए रखा, पैकेज्ड और जंक फ़ूड से परहेज़ किया, चीनी का सेवन कम किया, खूब पानी पिया और रोज़ाना 10,000 कदम चलीं। हालाँकि उन्हें इसका पालन करना चुनौतीपूर्ण लगा, लेकिन परिणाम काफ़ी बदलावकारी रहे। उन्होंने बताया, “मुझे अब चीनी खाने की इच्छा नहीं होती। मैंने छह महीने से चाय नहीं पी है।”
उसने अपने मासिक धर्म चक्र में भी सुधार देखा। उसके चेहरे के बाल कम हो गए, और उसकी ऊर्जा का स्तर बढ़ गया।
उनके परिवार ने उनके वजन घटाने के सफर में उन्हें प्रेरित किया। उनके ससुराल वालों ने उन्हें वह खाना नहीं खाने दिया जिसे खाने की उन्हें अनुमति नहीं थी। उनके ससुर सुरेश कुमार मिश्रा, जो पूर्व वॉलीबॉल कोच और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं, ने उन्हें फिट रहने के लिए प्रेरित किया। ससुर और बहू की जोड़ी अक्सर साथ में सुबह की सैर पर निकलते हैं।
हालाँकि वह शाकाहारी हैं, लेकिन उन्होंने प्रोटीन की मात्रा को पूरा करने के लिए अपने आहार में पनीर को शामिल किया। उनके दैनिक भोजन में नाश्ते के लिए दूध के साथ बादाम और अखरोट, नाश्ते के लिए फल और रोटी, चावल, दही, सब्ज़ियाँ और सलाद शामिल थे। इस आहार से उनकी त्वचा में चमक आई और वजन में उल्लेखनीय कमी आई। उनके परिवर्तन से प्रेरित होकर, उनके पति अब अपना वजन कम करना चाहते हैं।
आहार विशेषज्ञ के “मूल बातों पर वापस लौटने” के दृष्टिकोण से उन्हें वजन कम करने और त्वचा में सुधार लाने में मदद मिली।
उन्होंने सलाह दी, “प्रसव के बाद की माताओं के लिए, तीन महीने तक एक आहार विशेषज्ञ को रखें, और फिर आपको पूरी प्रक्रिया समझ में आ जाएगी।”
उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद पुलिस स्टेशन में तैनात दयामा ने आगे बताया, “चूंकि पुलिस चौबीसों घंटे काम करती है, इसलिए मैं घर पर ही खाना खाती हूं और निकल जाती हूं। और अगर मुझे बाहर खाना भी पड़ता है, तो मैं सलाद, फलों की चाट खाती हूं और जंक फूड खाने से बचती हूं।” अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अद्भुत यात्रा थी।
सारांश
दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर रीना गुप्ता ने पीसीओडी की चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने स्वास्थ्य और फिटनेस लक्ष्यों को पूरा किया। प्रसव के बाद महज 3 महीने में ही उन्होंने 15 किलो वजन कम कर लिया।
रीना ने एक पेशेवर फिटनेस ट्रेनर से संपर्क किया और एक कस्टमाइज्ड फिटनेस प्लान बनाया। इसमें सही पोषण और व्यायाम का संयोजन था। रीना ने अपने खाने में प्रोटीन, फाइबर और कम कैलोरी वाले भोजन शामिल किए और प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट व्यायाम किया।
रीना की यह कहानी पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि किस तरह एक मजबूत इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से चुनौतियों का सामना किया जा सकता है और लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। पीसीओडी जैसी समस्या के साथ भी स्वस्थ और फिट रहना संभव है।