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खटू श्याम मंदिर: क्या खटू श्याम सप्ताहांत में जाने वाले हैं? यदि हाँ, तो बाबा श्याम के अलावा सिकर में 4 और मंदिर हैं, जहां भक्तों की हर इच्छा को जानकर पूरा किया जाता है।

यदि आप सप्ताहांत के समय पूरे परिवार के साथ देव को देखने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि, आज हम आपको सिकर जिले में स्थित पांच प्रमुख मंदिरों के बारे में बताएंगे, जो बहुत चमत्कारी है। इन मंदिरों सहित देश भर के भक्त राजस्थान आते हैं। इन मंदिरों के बारे में, यह माना जाता है कि जो कोई भी यहां आता है और प्रार्थना करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

1। खातुशामजी मंदिर: यह मंदिर सिकर जिले के खातुश्यम जी शहर में मौजूद है। बाबा श्याम का मंदिर यहां मौजूद है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ केंद्रों में से एक है। यह सैकड़ों साल पुराना है और हजारों लाखों भक्त हर दिन दर्शन के लिए यहां आते हैं। फाल्गुन के महीने में यहां आयोजित होने वाला “खातुशामजी मेला” बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें देश भर के भक्त आते हैं। चर्ममा और मिश्री को मंदिर के प्रसाद के रूप में पेश किया जाता है। खातुशाम जी की कहानी महाभारत से संबंधित है, जिसके कारण इस स्थान को और भी अधिक पवित्र माना जाता है।

2। जीनमटा मंदिर: यह मंदिर सिकर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर अरावल्ली पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी जीनमटा को समर्पित है, जिसे दुर्गा का अवतार माना जाता है। नवरात्रि के दौरान लाखों भक्त यहां आते हैं और एक मेला आयोजित किया जाता है। मंदिर के चारों ओर प्राकृतिक दृष्टिकोण और शांत वातावरण यह आध्यात्मिक और पर्यटन दोनों महत्वपूर्ण बनाता है। मुगल सम्राट औरंगज़ेब ने भी जीनमता मंदिर में धूल चटाया।

3। रघुनाथजी मंदिर: यह मंदिर एक प्राचीन और भव्य मंदिर है जो सिकर शहर के केंद्र में स्थित है, जो भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर शेखावती क्षेत्र के राजाओं द्वारा बनाया गया था और यह राजपूत वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियाँ मंदिर के गर्भगृह में स्थापित हैं। मंदिर परिसर में हनुमांजी और शिव के छोटे मंदिर भी हैं। रामनवामी और दीपावली के अवसर पर, विशेष पूजा यहां की जाती है और भक्तों की भीड़। मंदिर का शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को आंतरिक शांति प्रदान करता है।

4। गोपीनाथजी मंदिर: यह मंदिर सिकर के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में से एक है, जो भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है। यह मंदिर भी सिकर शहर के बीच में स्थित है और 19 वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी और ब्रज संस्कृति की झलक देती है। यहां भजन-कर्टन और आरती हर दिन शाम को आयोजित किए जाते हैं। जनमश्तमी के अवसर पर, मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया गया है और भव्य झटके निकाले जाते हैं।

5। हर्षनाथ मंदिर: यह मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है जो हर्षगिरी पहाड़ी पर स्थित है, जो सिकर जिला मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर दूर है। यह भगवान शिव के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का शिखर बहुत भव्य है, जिस पर उत्कृष्ट नक्काशी देखी जाती है। यहां स्थित शिवलिंग को “हर्षनाथ महादेव” के रूप में पूजा जाता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए, किसी को पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है। यह माना जाता है कि इस मंदिर में सच्चे दिमाग से बनाई गई प्रार्थना निश्चित रूप से भगवान शिव द्वारा सुनी जाती है।