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इस मानसून के मौसम में, यदि आप उत्तराखंड में मुसौरी जैसे झरने का आनंद लेना चाहते हैं, तो अलवर जिले के किशनगढ़ बास क्षेत्र, छान-छान और रयान झरने में आकर आएं। यह आपको मोहित कर सकता है। जब मजबूत बारिश होती है, तो यह झरना जिले के स्थानीय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है।

यह झरना अलवर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर और किशनगढ़ बास से लगभग 7 किमी दूर बेदका बास गांव में स्थित है। यहां पानी लगभग 70 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जो मानसून के मौसम के दौरान और भी अधिक जीवित हो जाता है। जैसे ही बारिश शुरू होती है, यहां हरियाली और झरने की आवाज ने लोगों को आकर्षित करना शुरू कर दिया है।

हर दिन सैकड़ों पर्यटक मानसून में झरने का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं। यह झरना पहाड़ियों के बीच स्थित है और लगभग डेढ़ महीने तक सक्रिय रहता है। आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से हरियाली से भरा हुआ है, जो इस जगह को पिकनिक और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए भी आदर्श बनाता है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, इस झरने का पानी बहुत साफ है और यहां का माहौल शांति से भरा है। बारिश के मौसम के दौरान, यह क्षेत्र झरने की ‘घेराबंदी-चिन’ ध्वनि के साथ गूँजता है।

यह क्षेत्र अभी तक पर्यटन विभाग से प्रचार के लिए एक विशेष व्यवस्था नहीं है, लेकिन स्थानीय युवाओं और सोशल मीडिया के कारण, यह झरना धीरे -धीरे पर्यटकों के बीच एक पहचान बना रहा है।

यदि आप प्रकृति की गोद में कुछ शांतिपूर्ण क्षण बिताना चाहते हैं, तो यह मानसून बास झरना आपके लिए एक यादगार अनुभव बन सकता है।