19 सितंबर, 2024 06:52 पूर्वाह्न IST
सीएम सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार में राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू जब कांग्रेस के सांसद थे, तब उन्होंने राहुल गांधी की खूब तारीफ की थी, लेकिन अब सत्ता के लिए उन्होंने अपने सभी नैतिक मूल्यों से समझौता कर लिया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की आलोचना की, जिन्होंने कथित तौर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को “देश का नंबर एक आतंकवादी” कहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ इस्तेमाल की गई असंवैधानिक भाषा की कड़ी निंदा करता हूं।’’
सीएम सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार में राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू जब कांग्रेस के सांसद थे, तब उन्होंने राहुल गांधी की खूब तारीफ की थी, लेकिन अब सत्ता के लिए उन्होंने अपने सभी नैतिक मूल्यों से समझौता कर लिया है।
उन्होंने कहा, “बिट्टू भाजपा में अपनी छवि और पद पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और जन कल्याण की अनदेखी कर राज्यसभा में अपनी सीट सुरक्षित करना चाहते थे। लोकतंत्र में हर राजनीतिक इकाई को सहमत या असहमत होने का अधिकार है, लेकिन यह जरूरी है कि राजनीतिक विमर्श में गरिमा और सम्मान बनाए रखा जाए।”
सुखू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हजारों किलोमीटर की पदयात्रा कोई पद पाने के लिए नहीं बल्कि आम लोगों के मुद्दों को उठाने और लोकतंत्र को बचाने के लिए की है।’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आज आम लोगों की आवाज बन गए हैं और भाजपा उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई है।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। माकन ने शिकायत में कहा, “रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने 15 सितंबर को मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ‘देश का नंबर एक आतंकवादी’ कहा। बिट्टू ने जानबूझकर गांधी के खिलाफ लोगों में नफरत और आक्रोश भड़काने के लिए बयान दिया, जिसका उद्देश्य हिंसा भड़काना और शांति भंग करना था। उक्त बयान को टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर खूब प्रचारित किया गया।”
इस बीच, सुखू ने शिवसेना नेताओं द्वारा लोकसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई अपमानजनक और अनुचित टिप्पणियों की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान नहीं देती हैं और भाजपा हाईकमान को हस्तक्षेप करना चाहिए और इस तरह की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए उन मुखर नेताओं पर लगाम कसनी चाहिए।
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