वरिष्ठ नेता किरण चौधरी, जो तीन दशक तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद इस वर्ष जून में भगवा पार्टी में शामिल हो गईं, का कहना है कि हरियाणा में मतदाताओं में ‘सत्ता समर्थक’ भावना है और उन्हें यह अहसास हो रहा है कि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में उनके जीवन को बदल दिया है।
चौधरी को यह भी विश्वास है कि उनकी बेटी श्रुति चौधरी, जो पूर्व सांसद हैं और उनके साथ भाजपा में शामिल हो गई हैं, 5 अक्टूबर को 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों में पारिवारिक गढ़ तोशाम से कांग्रेस के अनिरुद्ध चौधरी के खिलाफ “चचेरे भाइयों की लड़ाई” जीत जाएंगी।
69 वर्षीय किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू और पूर्व राज्य मंत्री स्वर्गीय सुरेन्द्र सिंह की पत्नी हैं।
किरण चौधरी को हरियाणा से राज्यसभा उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार बनाया गया था, जिसमें वह निर्विरोध जीतीं, वहीं उनकी बेटी को तोशाम विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया। किरण चौधरी ने पीटीआई से कहा, “भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटने और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है… लोग पिछले 10 वर्षों में राज्य के समग्र विकास के आधार पर वोट देंगे।”
सत्ता विरोधी लहर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “इसके विपरीत, हरियाणा में सत्ता समर्थक लहर है और लोगों को एहसास है कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने उनके जीवन को बदल दिया है और राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर ले गई है।”
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों से हर वर्ग खुश है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कई कल्याणकारी पहल की गई हैं और योजनाएं लाई गई हैं।
हरियाणा 24 फसलों को एमएसपी पर खरीद रहा है। पिछले महीने मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एमएसपी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। ₹भाजपा सांसद ने कहा कि राज्य में कम वर्षा के मद्देनजर खरीफ फसलों के लिए किसानों को 2,000 रुपये प्रति एकड़ बोनस दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसानों के लिए जो किया है, कांग्रेस को अपनी पार्टी शासित राज्यों में करने दें…।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पूर्व पार्टी, जिसमें वह 30 साल से अधिक समय तक रहीं, ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया और उनका इस्तेमाल केवल राजनीति करने के लिए करती है।
सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसानों की विशेष चिंता है और उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिनों में ही कई किसान हितैषी नीतियां लागू कर दी हैं।
उन्होंने कहा, ”और हम 2047 तक विकसित भारत के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की राह पर हैं।” राज्यसभा सांसद को भी पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र तोशाम से जीतेगी।
दोनों चचेरे भाईयों के निर्वाचन क्षेत्र में आमने-सामने होने के बीच उन्होंने कहा कि श्रुति का प्रचार अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है और वह आसानी से जीत हासिल करेंगी।
उनके कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी अनिरुद्ध चौधरी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व कोषाध्यक्ष और बंसीलाल के पोते हैं। वे दिवंगत सुरेंद्र सिंह के भाई रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं।
उन्होंने कहा, “तोशाम श्रुति के संसदीय क्षेत्र का भी हिस्सा था (जब वह भिवानी से सांसद थीं)। अपने व्यक्तिगत प्रयासों के कारण, उन्होंने उस समय केंद्र से कई परियोजनाएं लाईं। चौधरी बंसीलाल और मेरे पति चौधरी सुरेंदर सिंह के बाद, मैंने इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया (चार कार्यकाल तक)। तोशाम के लोग एक परिवार की तरह हैं।”
उनके अनुसार महेंद्र की अपने पिता और भाई से कभी नहीं बनी।
“वे (महेंद्र) कब परिवार का हिस्सा थे… महेंद्र ने तो अपने भाई के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था और बुरी तरह हारने का गौरव प्राप्त है (जब महेंद्र ने 1998 में सुरेंद्र सिंह के खिलाफ भिवानी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था)”।
किरण चौधरी ने कहा कि तोशाम के लोग अभी भी इस बात से नाराज हैं कि राज्य स्तरीय स्टेडियम उनके शहर भिवानी के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के निर्वाचन क्षेत्र में चला गया, जबकि महेंद्र चौधरी बीसीसीआई के अध्यक्ष थे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में सत्ता में आने का उसका सपना कभी पूरा नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “हरियाणा में कांग्रेस कहां है? यह केवल बापू-बेटा (पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा का जिक्र करते हुए) है और उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस को खत्म कर दिया है। जब हुड्डा मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने रोहतक से बाहर देखने की कोशिश नहीं की। 2005 में कांग्रेस कुछ अंतराल के बाद 67 सीटें जीतकर हरियाणा में सत्ता में लौटी… उस समय चुनाव हुड्डा के नेतृत्व में नहीं लड़े गए थे, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें सीएम बनाया गया।” उन्होंने कहा कि बाद में हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस 2009 में सिर्फ 40 सीटें जीत सकी और मुश्किल से सरकार बना पाई।
उन्होंने कहा, “2014 में कांग्रेस की सीटें और गिरकर 15 रह गईं। 2019 में भी वे हुड्डा के नेतृत्व में सरकार नहीं बना सके।”
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को लगता है कि जाट उसके साथ हैं तो यह उसकी गलतफहमी है। जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाली चौधरी ने अपनी पूर्व पार्टी पर लोकसभा चुनावों के दौरान झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया कि भाजपा यदि भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटी तो वह संविधान को खत्म कर देगी और आरक्षण समाप्त कर देगी।
उन्होंने कहा, “अब उनका मुखौटा उतर चुका है।” उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान आरक्षण पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा के दौरान कहा था कि जब भारत एक निष्पक्ष देश होगा, तब कांग्रेस आरक्षण को समाप्त करने के बारे में सोचेगी।
5 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।