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सुभाष मेघवाल हत्या: झुनझुनु में सुभाष मेघवाल हत्या ने तनाव बढ़ा दिया है। परिवार और ग्रामीण धरना पर हैं, मांगें गिरफ्तारी, मुआवजा और नौकरी हैं। पुलिस लती -कचरेज, विरोध भयंकर हो गया।

सुभाष मेघवाल हत्याकांड
हाइलाइट
- परिवार के सदस्यों की मांग: अभियुक्त, मुआवजा, नौकरी की गिरफ्तारी।
- पुलिस लथिचर्गे के बाद विरोध उग्र हो गया।
- पिकेट चौथे दिन जारी है, प्रशासन पर दबाव।
सुभश मेघवाल हत्या: झुनझुनु में सुभाष मेघवाल हत्या के मामले ने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है। मृतक के परिवार और ग्रामीण चौथे दिन बीडीके अस्पताल के मोर्चों के बाहर एक धरन पर बैठे हैं, जो मृतक के आश्रित के लिए आरोपी, नौकरियों और उचित मुआवजे की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। सुभाष के शव को तीन दिनों के लिए मोरचारी में रखा गया है, और परिवार ने पोस्टमॉर्टम को तब तक इनकार कर दिया जब तक कि मांगों पर सहमति न हो।
धरना और विरोध मार्च
मंगलवार को, परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने बीडीके अस्पताल से कलेकरेट तक विरोध मार्च किया। इस समय के दौरान विरोध उग्र हो गया, जिसके बाद पुलिस लती -कचरेज कर दी। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुदान के साथ धक्का दिया, जिसके बाद गुदान ने उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने आंदोलन को बदनाम करने वाले शरारती तत्वों की जांच की और जांच की। एक्टिंग एसपी देवेंद्र राजावत ने कहा कि प्रदर्शनकारी कलेकरेट में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे और एक महिला पुलिसकर्मी को गाली दे रहे थे, जिसके कारण पुलिस को लाठी चलानी थी।
हत्या की पृष्ठभूमि
यह घटना 10 मई को हुई, जब दुबई से लौटे सुभाष मेघवाल ने मुकेश जाट और उनके सहयोगियों पर कथित तौर पर हमला किया। सुभाष को पहले जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर गंभीर हालत में चौमुन, जहां 25 मई को उनकी मृत्यु हो गई। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि मुख्य अभियुक्त को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जो पुलिस मुख्यालय जयपुर में एक वरिष्ठ सहायक है।
मांग और आंदोलन
परिवार और ग्रामीणों की मांग है कि मुख्य अभियुक्त सहित सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। दो दौर की बातचीत के बावजूद, कोई सहमति नहीं थी, जिसके कारण हड़ताल जारी है। दलित समुदाय और अन्य संगठनों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।
प्रशासन की प्रवृत्ति
पुलिस ने क्षेत्र में भारी बल तैनात किया है, लेकिन अभी तक मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पिकेट को समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती। यह मामला इस क्षेत्र में कानून और व्यवस्था और सामाजिक तनाव का एक गंभीर मुद्दा बन गया है।
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