भूल भुलैया 3 और सिंघम अगेन
कहानी और विशेषताएँ
अनीस बज्मी अपनी फिल्म भूल भुलैया 3 और अजय देवगन की फिल्म सिंघम अगेन के बीच बॉक्स ऑफिस पर होने वाले टकराव के बारे में बात करने के मूड में नहीं हैं। मध्यान्हनिर्देशक ने कुछ दिनों पहले आई उन खबरों पर खुलकर बात की जिसमें बताया गया था कि निर्माता भूषण कुमार ने अजय देवगन और निर्देशक रोहित शेट्टी से मुलाकात की थी ताकि इस बात पर चर्चा की जा सके कि क्या टकराव को टाला जा सकता है।
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Toggleअनीस ने कहा कि वह बॉक्स ऑफिस नंबरों में शामिल होने वाले ‘आखिरी व्यक्ति’ हैं और खुद को एक अच्छी फिल्म बनाने में व्यस्त रखना चाहते हैं। (यह भी पढ़ें: राजपाल यादव ने विद्या बालन की तारीफ करते हुए कहा: ‘भूल भुलैया में मैं जो कुछ भी हूं…’)
अनीस ने क्या कहा
अनीस ने कहा कि उन्होंने दोनों फिल्मों के बॉक्स ऑफिस क्लैश के बारे में किसी से बात नहीं की है। “मुझे उनसे बात क्यों करनी चाहिए? यह निर्माताओं के बीच का व्यावसायिक निर्णय है, और मैं केवल निर्देशक हूँ। सिंघम अगेन की टीम दिवाली रिलीज़ पर ज़ोर दे रही है।
क्लैश कभी भी अच्छा विचार नहीं होता। मुझे पता है कि हमने भूल भुलैया 3 की रिलीज़ डेट एक साल पहले ही घोषित कर दी थी, लेकिन हम क्या कर सकते हैं? मैंने हमेशा यह माना है कि एक अच्छी फिल्म को चलने के लिए तारीख की ज़रूरत नहीं होती है। मैं बॉक्स-ऑफ़िस नंबरों और रिलीज़ की तारीखों में शामिल होने वाला आखिरी व्यक्ति हूँ। ये निर्णय और संख्याएँ निर्माता और वितरकों द्वारा गणना की जाती हैं,” उन्होंने कहा।
सिंघम अगेन: पुलिस की कहानी में नया मोड़
सिंघम अगेन, अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित फिल्म है, जो भारतीय पुलिस व्यवस्था की जटिलताओं पर एक नई दृष्टि प्रस्तुत करती है। इस फिल्म में अजय देवगन अपने प्रख्यात चरित्र ‘सिंघम’ के रूप में लौट रहे हैं, जिसमें उनकी भूमिका केवल एक पुलिस अधिकारी नहीं, बल्कि समाज की जागरूकता और न्याय के प्रतीक के रूप में भी सामने आती है। कहानी की शुरुआत में, नये पात्रों का परिचय कराया गया है, जो पूरी फिल्म को एक नई दिशा देते हैं। यह नए किरदार न केवल पुलिस विभाग के भीतर की चुनौतियों का सामना करते हैं, बल्कि इनकी निजी कहानियाँ भी कहानियों में गहराई जोड़ती हैं।
फिल्म की मुख्य कहानी इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ अजय देवगन की पुलिस टीम को विभिन्न सामाजिक मुद्दों का सामना करना पड़ता है। हर चुनौती से गुजरते हुए, कहानी हमें बताती है कि कैसे वह समाज के कल्याण के लिए अपने कर्तव्यों को निभाते हैं। इस क्रम में, फिल्म में नाटकीय तत्वों के साथ-साथ रोमांच को भी शामिल किया गया है, जिससे दर्शकों का ध्यान लगातार बना रहता है। अजय देवगन की अदाकारी इस भाग की एक प्रमुख विशेषता है; उनकी सशक्त अभिव्यक्ति और भावना को पकड़ने की क्षमता फिल्म में गहराई जोड़ती है।
सिंघम अगेन में निहित सामाजिक संदेश भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह फिल्म दिखाती है कि समाज की समस्याएँ केवल पुलिस के कार्यक्षेत्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे पूरे समाज के लिए एक चुनौती हैं। दर्शकों को यह विचार करने पर मजबूर करती है कि हम सभी को मिलकर इन समस्याओं का सामना करना होगा। सामूहिक प्रयास और जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाने के लिए, यह फिल्म महत्वपूर्ण है। निश्चित रूप से, सिंघम अगेन न केवल एक मनोरंजक फिल्म है, बल्कि यह महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों की भी चर्चा करती है।
फिल्मों के समीक्षकों की प्रतिक्रियाएँ
धनतेरस के अवसर पर, दिवाली से जुड़ी दो प्रमुख भारतीय फिल्मों, ‘भूल भुलैया 3’ और ‘सिंघम अगेन’, ने दर्शकों के बीच काफी चर्चा बटोरी है। इन फिल्मों का ट्रेलर रिलीज होने से लेकर, समीक्षकों की प्रतिक्रियाओं तक, हर पहलू पर नजर डालते हैं। फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ ने दर्शकों के बीच एक उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है। इसकी कास्ट में अनुभवी कलाकारों के साथ नए चेहरों का समावेश, फिल्म की अपील को और बढ़ाता है। समीक्षकों ने इसकी कहानी और प्रस्तुतिकरण पर सकारात्मक टिप्पणियां की हैं, जिससे ये लगता है कि यह फिल्म न केवल मनोरंजन का साधन बनेगी, बल्कि दर्शकों की उम्मीदों पर भी खरी उतरेगी।
वहीं, ‘सिंघम अगेन’ ने अपने एक्शन सीन और नायक की भूमिका पर जोर दिया है। समीक्षकों की रिपोर्टों से यह स्पष्ट होता है कि इस फिल्म में न केवल एक्शन तत्व है, बल्कि इसकी सामाजिक संदेश भी है। दर्शकों ने इस फिल्म को एक पुरानी याद दिलाने वाला अनुभव बताया है और बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का भी स्वागत किया है। इस फिल्म के ट्रेलर ने एक्शन रोमांच के प्रति दर्शकों की उत्तेजना को और बढ़ा दिया है।
दोनों फिल्मों की समीक्षाएँ दर्शकों के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये उनके भावी अनुभव का संकेत देती हैं। फिल्म निर्माण के सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, समीक्षकों ने यह बताया है कि दोनों फिल्में वाणिज्यिक दृष्टि से सफल हो सकती हैं। दर्शकों के लिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या इन फिल्मों में वे तत्व मौजूद हैं जो उन्हें सिनेमाघरों तक खींच लाएंगे। ट्रेलरों, गानों और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं के माध्यम से, फिल्म प्रेमियों की विभिन्न प्रतिक्रियाएँ इन फिल्मों के प्रति एक नई उम्मीद का संचार कर रही हैं।