चंडीगढ़ पुलिस ने भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) अधिकारी हरप्रीत सिंह की हत्या को पूर्व नियोजित बताया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) अपने दामाद की गोली मारकर हत्या करने के इरादे से मध्यस्थता केंद्र में आए थे।”
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हरप्रीत की शनिवार को सेक्टर 43 स्थित जिला अदालत परिसर में मध्यस्थता केंद्र में उसके ससुर मालविंदर सिंह सिद्धू ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
मृतक हरप्रीत (34) 2011 बैच के आईसीएएस अधिकारी थे और वर्तमान में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली में लेखा नियंत्रक के पद पर तैनात थे। उनकी और सिद्धू की बेटी अमितोज की शादी 19 जुलाई, 2020 को हुई थी।
कुछ महीनों बाद उनकी शादी में दिक्कतें आने लगीं और तब से दोनों परिवारों के बीच कड़वाहट बनी हुई है। अमितोज ने हरप्रीत पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया और जनवरी 2021 में उसकी शिकायत के आधार पर उसके और उसकी माँ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
हरप्रीत और उसकी माँ को दहेज उत्पीड़न के मामले में गिरफ़्तार किया गया था। इस मामले ने हरप्रीत को मुश्किल में डाल दिया और 2021 में उसे नौकरी से निलंबित कर दिया गया। उसकी माँ की ज़मानत मिलने के बाद ही उसे 2022 में बहाल किया गया। हरप्रीत ने 2023 में मानसिक और शारीरिक क्रूरता के आधार पर तलाक के लिए अर्जी दी थी और मामला अब मध्यस्थता केंद्र में पहुँच गया है।
मध्यस्थता केंद्र में दोनों परिवारों की यह चौथी मुलाकात थी। इससे पहले वे मोहाली कोर्ट में मुकदमेबाजी में उलझे हुए थे, लेकिन 2023 में चंडीगढ़ की जिला अदालत में तलाक का मामला दायर किया गया। हरप्रीत ने तलाक की याचिका में आरोप लगाया था कि उसके ससुर मलविंदर दहेज के मामले में उसे गिरफ्तार करवाने के लिए पुलिस में अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उसे परेशान कर रहे हैं।
हरप्रीत सुबह अपने माता-पिता के साथ जिला न्यायालय पहुंचा। अमितोज कनाडा में है, इसलिए उसके पिता मालविंदर सिद्धू न्यायालय पहुंचे। जब दोनों पक्ष मध्यस्थ की मौजूदगी में बातचीत कर रहे थे, तब मालविंदर शौचालय जाने के लिए उठे। हरप्रीत उन्हें रास्ता दिखाने के लिए उठे और अपने ससुर के साथ कमरे से बाहर निकल गए।
जल्द ही दोनों के बीच तीखी बहस होने लगी, जिसके बाद सिद्धू ने अपनी .32 बोर की रिवॉल्वर निकाली और अपने दामाद पर चार गोलियां दाग दीं। इनमें से दो गोलियां हरप्रीत के सीने में जा लगीं।
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हरप्रीत 20 मिनट तक तड़पता रहा जिसके बाद उसके माता-पिता, कुछ वकीलों के साथ उसे एक निजी वाहन में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) ले गए, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मौके पर ही सिद्धू को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया और अपराध में इस्तेमाल हथियार बरामद कर लिया।