नवरात्रि 2024, दिन 8: मां महागौरी की पूजा करें- जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और बहुत कुछ

महा नवरात्रि, जिसे शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है, एक जीवंत हिंदू त्योहार है जो नौ रातों और दस दिनों तक चलता है। इस वर्ष, यह शुभ अवसर पूरे भारत में 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस अवधि के दौरान, भारत और दुनिया भर में भक्त माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से नवदुर्गा के रूप में जाना जाता है, जिसमें माँ सिद्धिदात्री, माँ महागौरी शामिल हैं। , मां ब्रह्मचारिणी, मां शैलपुत्री, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि और मां चंद्रघंटा। इस त्यौहार की विशेषता सजावट, पारंपरिक नृत्य, भक्ति संगीत और उपवास है।

कौन हैं माँ महागौरी?

देवी दुर्गा का आठवां रूप, माँ महागौरी, पवित्रता और दैवीय कृपा के प्रतीक अपने चमकदार सफेद रंग के लिए पूजनीय हैं। उनके नाम “महागौरी” का अनुवाद “अत्यंत निष्पक्ष” है, जो उनके निष्कलंक और शांत स्वभाव को दर्शाता है। उन्हें त्रिशूल और डमरू पकड़े हुए चार भुजाओं में दर्शाया गया है, जबकि उनके दूसरे हाथ अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। सफेद बैल पर सवार होकर, वह आंतरिक शांति, शांति और सुंदरता का प्रतीक है।

नवरात्रि दिन 8: महा अष्टमी महत्व

महा अष्टमी का गहरा आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि भक्तों का मानना ​​है कि इस दिन मां महागौरी का आशीर्वाद उन्हें उनके पापों से शुद्ध कर सकता है और कष्टों से राहत दिला सकता है। माना जाता है कि पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा करने से आंतरिक शांति, ज्ञान और दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नवरात्रि दिवस 8: मां महागौरी को प्रसन्न करने के लिए पहनने योग्य रंग

-नवरात्रि उत्सव के इस दिन गुलाबी रंग पहनें। गुलाबी रंग सार्वभौमिक प्रेम, स्नेह और सद्भाव का प्रतीक है। यह एक आकर्षक रंग है, यह व्यक्ति को आकर्षक बनाता है और साथ ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में बहुत अधिक आकर्षण जोड़ता है।

नवरात्रि दिन 8: पूजा मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार शुभ समय इस प्रकार हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:41 बजे से प्रातः 05:30 बजे तक

विजया मुहूर्त: 14:03 अपराह्न से 14:50 अपराह्न तक

– अष्टमी तिथि आरंभ: 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:31 बजे

– अष्टमी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे

नवरात्रि दिन 8: पूजा विधि और सामग्री

1. कन्या पूजा: महा अष्टमी का एक महत्वपूर्ण पहलू कन्या पूजा है, जहां देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक नौ युवा लड़कियों को भोजन, कपड़े और उपहारों से सम्मानित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान को करने से देवी का आशीर्वाद मिलता है और सुख-समृद्धि सुनिश्चित होती है।

2. भोग अर्पण: पूड़ी, काला चना और हलवा सहित विशेष भोजन प्रसाद (भोग) तैयार किया जाता है और भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित करने से पहले मां महागौरी को अर्पित किया जाता है।

3. मंत्र और आरती: भक्त माँ महागौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र मंत्रों का पाठ करते हैं और आरती करते हैं। ये भजन और प्रार्थनाएँ देवी के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करते हैं।

4. सफेद पहनना: पवित्रता और भक्ति का प्रतीक सफेद पोशाक पारंपरिक रूप से महा अष्टमी पर भक्तों द्वारा पहनी जाती है। महिलाएं, विशेष रूप से, देवी के दिव्य रूप का सम्मान करने के लिए सफेद कपड़े पहनती हैं।

5. फूल चढ़ाना: मां महागौरी की मूर्ति को सजाने के लिए आमतौर पर सफेद फूलों का उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि पूजा के दौरान इन फूलों की सुगंध से देवी प्रसन्न होती हैं और वातावरण शुद्ध होता है।

महा अष्टमी गहन भक्ति का दिन है, जहां भक्त पवित्रता, शांति और समृद्धि के लिए मां महागौरी का आशीर्वाद मांगते हैं, जिससे यह नवरात्रि उत्सव में आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण अवसर बन जाता है।

नवरात्रि 2024 दिन 8: माँ महागौरी पूजा मंत्र, प्रार्थना, स्तुति और स्तोत्र

ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दघ्नमहादेवप्रमोददा॥

श्वेता वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि

महागौरी शुभम् दध्याना महादेव प्रमोददा

पूर्णन्दु खेलं गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।

वरभीतिकरण त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पूर्णंदु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमां महागौरी त्रिनेत्राम्

वरभीतीकरण त्रिशूल दमरूधरां महागौति भजेम्

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *