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उषा चौधरी ने 14 साल की उम्र में बाल विवाह को रोक दिया और एक विरोधी विवाह अभियान शुरू किया। अब तक, उन्होंने 21,000 से अधिक बाल विवाह को रोक दिया और 10,000 से अधिक लड़कियों को शिक्षा और आत्म -संवेदनशीलता को दिखाया।

उषा चौधरी
निशा राठौर/उदयपुर- राजस्थान में उदयपुर की उषा चौधरी की कहानी उन लाखों लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है, जो बाल विवाह की तरह सामाजिक बुराई का सामना कर रही हैं। सिर्फ 14 साल की उम्र में, जब परिवार ने अपनी शादी सेट कर दी, तो उन्होंने इस परंपरा को झुकने से इनकार कर दिया।
लड़ाई और सामाजिक दबाव
उषा का यह निर्णय आसान नहीं था। उसे विरोध के कारण हमले, ताने और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह फंस गई। आखिरकार, उन्होंने न केवल अपने बच्चे की शादी को रोक दिया, बल्कि एक नए रास्ते पर भी शुरू किया।
बाल विवाह के खिलाफ एक महिला का युद्ध
उषा ने बाल विवाह के खिलाफ यह संघर्ष किया। उन्होंने एक संगठन के माध्यम से अभियान शुरू किया, जिसके तहत अब तक 21,000 से अधिक बाल विवाह रोक दिए गए हैं।
10,000 लड़कियों को नया जीवन मिला
उषा न केवल बाल विवाह को रोक रही है, बल्कि घरेलू हिंसा, सामाजिक भ्रूण और अशिक्षा से जूझ रही लड़कियों को भी नया जीवन दे रही है। अब तक, शिक्षा, सुरक्षा और आत्म -संवर्धन की दिशा में 10,000 से अधिक लड़कियों को आगे बढ़ाया गया है।
‘अगर आपने हिम्मत नहीं की थी …’
उषा कहती है, “अगर मैंने 14 साल की उम्र में हिम्मत नहीं की होती, तो आज मैं एक और लड़की की तरह घुटने का जीवन जी रहा होता।” उनका साहस अब हजारों लड़कियों के जीवन की दिशा बदल रहा है।